51. डरे-सहमे किसी खौफ़ में जी रहे हैं सभी,
एक चिंता जीने की जेहन में लिए हैं सभी,
संयम और सजगता रखकर ही जीत पाएंगे यह जंग,
बीमारी की इस शृंखला को करेंगे हम मिलकर भंग।
52. कोरोना हमें डरते-डरते जीना सीखा जाएगी,
करनी है कैसे ज़िंदगी की इज्ज़त यह बता जाएगी,
हौसला हमारा अडिग ही रहेगा, जीतेंगे हम,
कठिनाइयों भरी राह को पार कर लेंगे हम।
53. घर पर रहकर दूरी बनाई है मजबूरी नहीं,
विडियो कॉल से करेंगे अपनों से बात, मिलना जरूरी नहीं,
इस सिचुएशन को हम चैलेंज कर रहे हैं,
सारी प्रिकॉशन लेकर खुद से इसे दूर कर रहे हैं।
54. कोरोना कोरोना कोरोना,
तुम कब जाओगे बता दो न,
सुन लो हम भी नहीं डरने वाले,
मुश्किलों को सीने पर झेलने वाले,
ज़िंदगी में जो आ ही गए हो हमारी,
दुश्मनी तो अब उम्र भर रहेगी हमारी-तुम्हारी।
55. जाने किस दिशा में जा रही है आज ज़िन्दगी,
अब तो खुद से ही हो गयी है बंदगी,
कशमकश में बीता जा रहा है हर एक पल,
समस्या कैसी भी हो निकाल लेंगे हम इसका हल।
56. ग़मों के शोर से कम नहीं होंगी हमारी खुशियाँ,
इम्तिहान के इस दौर में भी नहीं आएंगी दूरियाँ,
समय कठिन कितना ही क्यों न हो, नहीं छोड़ेंगे आस,
दृढ़ निश्चय लेकर करेंगे सारे प्रयास।
57. कुछ रंग प्यार के बिखेरो फिज़ाओं में भी,
खुशियाँ चुरा लो ग़मों के पलों से भी,
अच्छी नहीं होती कभी-कभी बहुत खामोशी भी,
समेट लो सुकून के पलों को मिलें जहां भी।
58. इंसान को इंसान से ही डर लग रहा है,
न जाने यह कैसा समय आ गया है,
वक़्त ने ली है आज एक नयी करवट,
पड़ गयी है ज़िन्दगी में तमाम सिलवट।
59. अजीब मंजर छाया है चारों तरफ आज,
खामोश हैं सब देता नहीं कोई आवाज,
कहीं गुम हो गयी है रौनक-ए-बहार,
जाने कब गुलज़ार होंगी ये गलियाँ-बाज़ार।
60. समय अच्छा आएगा ही,
कोरोना दूर जाएगा ही,
फिर मुस्कुराएंगे चेहरे,
टूट जाएंगे सारे पहरे,
गुलिस्ताँ बनेंगी सारी गलियाँ,
खिलेंगी फिर प्यार भरी कलियाँ।
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