Aahar Samhita
An Initiative of Dietitian Amika

कोरोना से जागरूकता का ‘शालिनी प्रयास’

शालिनी दुबे का लॉकडाउन कविता संग्रह

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41. वक़्त कैसा भी हो चला जाएगा,
जख्म गहरा भी हो भर जाएगा,
मुश्किल कुछ भी नहीं अगर थान लिया जाए,
आइए इस संकट से छुटकारा पा लिया जाए।

42. चिलचिलाती धूप की तरह कोरोना जाएगा,
ठंडी हवा का झोंका भी आएगा,
धैर्य रखो थोड़ा वक़्त बदलेगा ही,
खुशियों भरा दिन सभी के लिए आएगा ही।

43. एक खामोशी सी सभी दिलों पर छाई है,
कोरोना वायरस से आज सभी की लड़ाई है,
थोड़ा डरे थोड़ा सहमे हैं हम सभी,
लेकिन हार नहीं मानी है हमने कभी।

44. एक छोटी सी उम्मीद की हुई है दस्तक,
जल्द ही संवर जाएगी हम सब की किस्मत,
सुकून से गुजारेंगे हम अपना हर एक पल,
नहीं डरेंगे इस कोरोना से और चाहे आज हो या कल,
सकारात्मक रहें, सकारात्मक सोचें, खुश रहें

45. हावी नहीं होने देंगे कोरोना के डर को,
सुकून से गुजारेंगे बचे हुए हर पल को,
समय क्या कभी किसी के लिए एक सा हुआ है,
हर इंसान इस विपदा को दूर करने में लगा हुआ है।

46. चाहे कितना ही क्यूँ न हो आदमी के पास,
सुकून भरे पलों की रहती है उसे तलाश,
आज सभी की ज़िन्दगियों पर पड़ गया है पहरा,
चाहे अमीर हो या गरीब सभी को है खतरा।

47. कोरोना ज़िन्दगी का बन गया है हाईनेस,
हम सब को मिलकर करना है इसे माइनस,
सोशल डिस्टेन्सिंग और मास्क का लेकर सहारा,
समझदार के लिए काफी है छोटा सा इशारा।

48. काँटों में भी राह बनाएंगे,
विघ्नों से न हम घबराएँगे,
हर संकट का करेंगे सामना
चाहे हर बात पड़े मानना।

49. नहीं होंगे हम विचलित,
धैर्य भी कभी न खोएँगे,
पत्थर को भी तोड़ कर राह बनाएँगे,
जीवन पाठ पर सदैव हे मुस्कुराएंगे।

50. कोरोना ने हमारी लाइफ को कर लिया है हैक,
सभी हो गए हैं अपने घरों में पैक,
इस सिचुएशन को करना है मिलकर पास,
सभी को रखना है जीवन में यह आस।

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