ग्रामीण/ जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल बीमारी एवं इसके प्रबंधन के बारे में और अधिक जागरुकता की…

केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया को चुनौती के रूप में लेते हुए इस बीमारी से निजात पाने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। यह बीमारी जनजाति समूहों में व्याप्त है और हर 86 बच्चों में से एक बच्चे में…
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कृषि-पारिस्थितिकी और प्राकृतिक खेती भारत में आर्थिक विकास को गति दे सकती है

नीति आयोग द्वारा 29 मई को आयोजित एक सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भारत में कृषि-पारिस्थितिकी और प्राकृतिक खेती के दृष्टिकोण को पर्याप्‍त रूप से बढ़ावा देने के प्रयासों का समर्थन किया। वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों…
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कोविड-19 से लड़ने में एचआईवी दवाओं से अधिक कारगर कांगड़ा चाय

कोविड-19 से लड़ने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही…
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वैकल्पिक बौना जीन करेगा समस्या दूर

भारत में किसानों द्वारा सालाना बचे हुए चावल के लगभग 23 मिलियन टन अवशेषों को जला दिया जाता है जिससे कि उन्हें पुआल से छुटकारा मिले और अगली फसल जोकि गेहूं होती है, उसे बोने के लिए वे अपने खेतों को तैयार कर सकें। इसके परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण…
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कोरोना अध्‍ययन शृंखला के तहत सात पुस्‍तकों का ई-विमोचन

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कोरोना अध्ययन शृंखला के तहत एनबीटी इंडिया द्वारा प्रकाशित 'साइको-सोशल इम्पैक्ट ऑफ पैनडेमिक एंड लॉकडाउन एंड हाउ टू कोप विद' यानी वैश्विक महामारी एवं लॉकडाउन के…
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लॉकडाउन में बढ़ी लज्जत!

कोरोना वायरस के संक्रमण काल का ये कठिन दौर बहुत से परिवर्तन का समय है। लोग चाहे अनचाहे बदलावों से गुजर रहे हैं। इस संकट से बचाव के लिए लॉकडाउन में रह रहे हैं। सभी के लिए यह बहुत अनचाहा है पर हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी भी है। इस परिस्थिति ने…
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मोरिंगा टी – सेहत के लिए वरदान सरीखी

मोरिंगा टी हर्बल चाय के रूप में उभरता हुआ पेय है। हर्बल चाय बहुत जाना पहचाना नाम है। प्राचीन समय से कई तरह की हर्बल चाय अस्तित्व में हैं। सभी के विशेष स्वाद, सुगंध और औषधीय गुण हैं। जैसे-जैसे इससे होने वाले रोगों से बचाव और रोकथाम के बारे…
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सहजन की खूबियाँ क्या कहने

सहजन जिसे अँग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) कहते हैं किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दुनिया में व्यापक स्तर पर इसकी मौजूदगी है। काफी लम्बे समय से इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहजन की खूबियाँ जन-जन तक पहुँचाने के प्रयास हो रहे…
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चने की विविधिता और मिंजनी

चने का साग, हरे चने, होला (आग में भुने बूट - हरे चने की फली); और फिर चने – सूखे परिपक्व चने। साग से शुरू यह सफर चने के साथ पूरे साल जारी रहता है। यह समय चने की फसल कटकर आने का होता है। इसलिए चने का साग और हरे चने के विविध व्यंजन के लिए साल…
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किसान-वैज्ञानिक द्वारा विकसित गाजर लाभ पहुंचा रही है किसानों को

गुजरात के जूनागढ़ जिले के एक किसान-वैज्ञानिक श्री वल्लभभाई वसरमभाई मरवानिया ने गाजर की एक जैव-सशक्त किस्म मधुवन गाजर को विकसित किया है, जिसमें-बीटा कैरोटीन और लौह तत्व की उच्च मात्रा मौजूद है। इससे क्षेत्र के 150 ते अधिक किसानों को लाभ मिल…
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